19 नवंबर 1984, इंदिरा गांधी की हत्या के बाद उनका पहला जन्मदिन। दिल्ली में सिख विरोधी दंगों को शुरू हुए पंद्रह दिन भी नहीं बीते थे और राजीव गांधी ने तमाम रस्मो-रिवाज के साथ इंदिरा गांधी का जन्मदिन मनाने की घोषणा कर दी।
1984 जिस साल दिल्ली में 2 हजार 733 सिख मार दिए गए। सिर्फ सरकारी आंकड़ों के मुताबिक। जिन आंखों ने 84 का वो मंजर देखा था वो आंखें आज तक गीली हैं। आज भी उनकी सिसकती चीखें और ललकती आवाजें ये कहना चाहती हैं कि बहुत हो गया इंतजार। 84 जख्मों को लेकर 35 साल से जुमलों की काशीदाकारी से सियासत का तानाबाना भी बहुत बुना जा चुका है। एक इंसाफ मिल जाए तो आंसुओं से आंखों को राहत मिल जाए। 1984 की काली रात के 34 साल बाद सुप्रीम कोर्ट ने 2011 में दिल्ली उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश एस एन ढींगरा की अध्यक्षता में एसआईटी का गठन किया था जिसे उन 186 मामलों में आगे जांच करनी थी जिन्हें पहले बंद कर दिया गया था। जस्टिस ढींगरा की अध्यक्षता में जांच दल ने सुप्रीम कोर्ट में अपनी रिपोर्ट दाखिल कर दी है। इस रिपोर्ट का जिक्र आगे करेंगे। पहले आपको 35 बरस पहले की उस काली रात से रूबरू करवाते हैं जिसके आने की शुरूआत अहले सुबह ही हो गई थी।