उत्तर पूर्वी दिल्ली। दिल्ली के दंगों की तबाही की दास्तान जब लिखी जाएगी तो उस दास्तान में जब तक खजूरी खास की ई ब्लॉक की गली नंबर 4 / 5 का जिक्र नहीं आएगा तो यह दास्तान अधूरी रह जाएगी। इनके दर्द की दास्तान सुनकर आप का कलेजा मुंह को आ जाएगा ,जमीन फट जाएगी आसमा हिल जाएगा ।हमने एक -एक घर में जाकर घटनास्थल को देखा और जो हमने पाया वह सब तो हम यहां बयान नहीं कर सकते वह तो बहुत ज्यादा भयावह है। देश की राजधानी दिल्ली के अंदर संसद से मात्र 15 किलोमीटर दूर आपने कभी कल्पना भी नहीं की होगी कि आप 72 घंटे तक पुलिस फोर्स को बुलाते रहे ,फोन लगाते रहे ,और आपको पुलिस कहती रहे कि आ रहे हैं -आ रहे हैं, और पुलिस ना आए । और जब कोई बाहर से पुलिस आए और वह कहे कि 5 मिनट के अंदर अपने अपने मकान से निकल जाओ ऐसे ही खाली हाथ ,अगर जान बचानी है तो निकल जाओ नहीं तो सब मार दिए जाओगे । जला दिए जाओगे ।और गली के लोग अपनी जान बचाने के लिए पुलिस के संरक्षण में निकल कर मैन रोड पार करते हैं, और पार करते हुए क्या देखते हैं एक भीड़ आती है और लूटपाट मचा देती है और आग की लपटे मकानों से उठने लगती हैं। अब आप सोच सकते हैं? इन सब बातों को लिखते हुए हमारा हृदय कांप उठता है ,तो आप सोचिए जिन लोगों के साथ यह बीता है उनका दिल किस तरह से रोता होगा । किस - किस तरह के ख्याल आते होंगे, कि क्या मुसलमान होना अपराध है ? क्या मेहनत मजदूरी करके अपने बच्चों को पालानाअपराध है ? सरकारी नौकरी में रहते हुए देश की सेवा की और आज हमें इसलिए दरबदर होना पड़ा इसलिए हमारे घर को जला दिया गया कि हम मुसलमान हैं । हमारा कोई पुरसाने हाल नहीं ,कोई मंत्री कोई विधायक हमारे आंसू पहुंचने तक नहीं आया। हम अंदर ही अंदर रोते रहे ,लेकिन किसी ने आकर हमारे सर पर सांत्वना का हाथ नहीं रखा । गर्भवती महिला अपने छोटे-छोटे बच्चों को लेकर घर में ज्वेलरी, पैसा सब कुछ छोड़कर जब घर जान बचाने के लिए जाती है तो उसकी भावनाएं उसकी आंखों से जो तस्वीर उभरती है उसको हम शब्दों में बयान तो नहीं कर सकते, लेकिन खजूरी खास ई ब्लॉक की गलियों में रोते बिलखते - परिवारों की दास्तां हम कुछ बयान कर रहे हैं।
ई ब्लॉक खजूरी खास की ई ब्लॉक में इलियास खान का लकड़ी की चौखट विंडो का कारखाना था सब जला दिया गया ।मोटरसाइकिल, कार, घर का टीवी, फ्रिज, वाशिंग मशीन, नगदी ,ज्वैलरी चली गई । मकान में सिलेंडर इस तरह से फाड़े गए कि मकान जर्जर अवस्था में आ गया है ।
जन्नती का मकान 3 फ्लोर का है जिसके तीनों फ्लौर जला दिए गए। नीचे कारखाना था जिसमें सर्वोकोन कंपनी के स्टेबलाइजर बेचे जाते थे । सब लूट लिए गए ₹60 लाख का सामान नीचे से लूट लिया गया। मकान में गैस चूल्हा, बेड, घर में रखा सारा सामान जला दिया। अलमारी, चौकट, विंडो, दीवारों की टेल ,पत्थर तोड़ दिए गए। बेटी की शादी के लिए दहेज का सामान रखा था वह सब लूट लिया गया ।जन्नती का एक करोड़ का नुकसान है ।
मोहम्मद तौकीर का भी खजूरी खास में मकान नंबर ई 77 में तीन मंजिला मकान है । 25 फरवरी को 3:30 बजे सब को जला दिया गया पुलिस को फोन किया, पुलिस ने कहा कि आ रहे हैं, बाहर की पुलिस आई और उन्होंने चेतावनी दी कि खडे-खड़े ऐसे ही 5 मिनट में अपने बाल बच्चों को लेकर निकल जाओ ,नहीं तो सब मार दिए जाओगे, जला दिए जाओगे और जैसे ही घर से निकल कर इस गली के लोगो ने सड़क पार की है उसके बाद दंगाई आये और मकानों में लूटपाट शुरू हो गई और आग लगा दी गई । पुलिस बाहर रोड पर आकर खड़ी हो गई और तमाशा देखती रही। यह बताते हैं कि किसी तरह जान बचाकर भागे इनका भी 10 से 12 लाख रुपए का नुकसान है । असदुल्ला खान की पत्नी आफरीना बताती हैं सब लूट लिया गया। पैसा, ज्वेलरी, लूट ली, फ्रिज, वाशिंग मशीन अलमारी ,बेड और सामान जला दिया गया। अपने पांच बच्चों को लेकर गर्भवती महिला ने किसी तरह लोगों के साथ सड़क पार की और अपनी आंखों से अपने मकान को लूटता जलता देखती हुई जान बचाकर चली गई । पुलिस द्वारा जान बचाने के लिए मेहरबानी करने के लिए शुक्रिया अदा करती हैं ।जिसने हमें तो बचा लिया लेकिन हमारा मकान नहीं बचा पाए ।
मोहम्मद जियाउद्दीन मकान नंबर ई 81 खजूरी खास में रहते हैं ।जिसमें लूटपाट हुई और उसके बाद आग लगा दी गई ।इनका भी सात- आग लाख का नुकसान है । बताते हैं कि हर्ष विहार से पुलिस आई थी और कहां 5 मिनट में सब निकल जाओ नहीं तो मार दिए जाओगे और हम भाग कर किसी तरह से निकले, उसके बाद ही हमारे घर जला दिए गए ।असरीना के देवर सद्दाम का ग्राउंड फ्लोर से सब लूट लिया गया ,मकान में फ्रिज, वाशिंग मशीन, सेफ अलमारी आदि दहेज का जो सामान था अभी कुछ दिन पहले ही इनकी शादी हुई थी सारा सामान में से कुछ लूट लिया गया और बाकी मेंआग लगा दी गई । इस परिवार का ₹40लाख का नुकसान हुआ है । 4 फ्लोर में इनके आग लगाई गई है और चारों फ्लोर में इसी तरह से घरेलू सामान जो भी था, ज्वेलरी नगदी सब लूट लिया गया ।इनके ससुर एफसीआई में नौकरी करते थे और रिटायरमेंट के बाद जो पैसा मिला था सबसे एक मकान बनाया था। तीनों बेटे का परिवार इसमें तीन floor में रहता था। दंगाइयों ने बच्चों की किताबें तक जला डाली । ज्वेलरी ,रुपए लूटकर ले गए और सामान जला दिया। यह लोग बिहार के खगड़िया जिले के रहने वाले हैं 2 साल पूर्व मोहम्मद शकील ने रिटायरमेंट के बाद यह मकान बनवाया था ।
मोहम्मद जहीर भी एफसीआई से रिटायर है। इनके मकान में 4 फ्लोर हैं 3 फ्लोर में आग लगा दी गई। 23 फरवरी को भी इनकी फ्राई की दुकान में जो मेन रोड पर थी, आग लगा दी गई थी और उन्होंने पुलिस को कई बार कंप्लेंट की लेकिन पुलिस नहीं आई। इन्होंने 25 फरवरी को भी बार-बार पुलिस को कंप्लेंट की लेकिन पुलिस नहीं आई । और वह बताते हैं बाहर की पुलिस आई और उन्होंने कहा कि बाहर निकल जाओ नहीं तो मार दी जाओगे । यह भी खगड़िया जिले के रहने वाले हैं और बता रहे हैं कि हम 72 घंटे तक यहां जिस तरह संघर्ष करते रहे कोई पुलिस नहीं आई। 5 मार्च को बेटे की सगाई की तैयारी थी ,सारा सामान जला दिया फ्रीज में कपड़े डालकर आग लगाई । इनका एक डॉगी था जो इनके साथ नहीं जा सका इन्होंने लाख कोशिश की उसे ले जाने की लेकिन वह नहीं गया , उसे गोली मार दी गई। सिलेंडर इस तरह से सेट किए गए हैं और आग लगाकर फाड़े गए हैं कि लेंटर भी अपनी जगह से हट गया है ।इनका ₹60लाख का नुकसान है। दिल्ली की तबाही और बर्बादी की दास्तान खजूरी खास ए ब्लॉक की चार नंबर गली का और 29 नंबर गली का भी इससे मिलता-जुलता हाल है।